आत्मस्वभाव स्वरुप सम्यक्त्व व भावलिंग मुनिपने की उत्कृष्ट दशा के द्योतक
तथा आत्मसाधना का पुरुषार्थ जागृत करने वाले व सांसारिक मोह को घटाने वाले पूज्य बहिनश्री के अपूर्व