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निर्मल, सत्य, शिवं, सुन्दर है, ‘अमितगति’वह देव महान।
शाश्वत निज में अनुभव करते, पाते निर्मल पद निर्वाण॥३२॥
अमितगति आचार्य कहते हैं कि आश्चर्यकारी अनन्त वैभव सम्पन्न वह महान देव निर्मल, सत्य/वास्तविक, शिव/कल्याणमय, सुन्दर/मनोहारी शाश्वत है। जो इसका सदैव अपने में ही अनुभव करते हैं, वे पवित्रतम पद निर्वाण को प्राप्त करते हैं। ३२
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Shlok