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आत्मारूपी परमपवित्र तीर्थ है उसमें स्नान कर। आत्मा पवित्रता से भरपूर है, उसके अंदर उपयोग लगा। आत्मा के गुणों में सराबोर हो जा। आत्मतीर्थ में ऐसा स्नान कर कि पर्याय शुद्ध हो जाय और मलिनता दूर हो।
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Bol