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Title

Bahenshree's Vachanamrut Bol no. 269

अहो! देव-शास्त्र-गुरु मंगल हैं, उपकारी हैं। हमें तो देव-शास्त्र-गुरु का दासत्व चाहिए। पूज्य कहान गुरुदेव से तो मुक्ति का मार्ग मिला है। उन्होंने चारों ओर से मुक्ति का मार्ग प्रकाशित किया है। गुरुदेव का अपार उपकार है। वह उपकार कैसे भूला जाय ? गुरुदेव का द्रव्य तो अलौकिक है।  उनका श्रुतज्ञान और वाणी आश्चर्यकारी है। परम्-उपकारी गुरुदेव का द्रव्य मंगल है, उनकी अमृतमयी वाणी मंगल है। वे मंगलमूर्ति हैं, भवोदधि – तारणहार है, महिमावन्त गुणों से भरपूर हैं। पूज्य गुरुदेव के चरण कमल की भक्ति और उनका दासत्व निरन्तर हो।

Series

Bahenshree Vachanamrut

Category

Paintings

Medium

Oil on Canvas

Size

36" x 48"

Orientation

Landscape

Artist

Anil Naik

Completion Year

18-Jul-2019

Bol

269