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Title

Samaysaar - Gatha No. 14

जैसे सोने का चिकनापन, पीलापन, भारीपन इत्यादि गुणरूप भेदों से अनुभव करने पर विशेषता भूतार्थ है – सत्यार्थ है; तथापि जिसमें सर्व विशेष विलय हो गये हैं, ऐसे सुवर्ण-स्वभाव के समीप जाकर अनुभव करने पर विशेषता अभूतार्थ है – असत्यार्थ है।

इसीप्रकार आत्मा का ज्ञान, दर्शन आदि गुणरूप भेदों से अनुभव करने पर विशेषता भूतार्थ है – सत्यार्थ है; तथापि जिसमें सर्व विशेष विलय हो गये हैं, ऐसे आत्म-स्वभाव के समीप जाकर अनुभव करने पर विशेषता अभूतार्थ है -असत्यार्थ है।

(गाथा 14)

Series

Samaysaar Drashtant Vaibhav

Category

Paintings

Medium

Oil on Canvas

Size

36" x 48"

Orientation

Landscape

Completion Year

01-Jul-2018

Gatha

14