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Title

Gurudev's Vachanamrut Bol no.189

अहा! आठ वर्षका वह छोटा-सा राजकुमार जब दीक्षा लेकर मुनि हो तब वैराग्य का वह अद्‌भूत दृश्य! आनन्द में लीनता! मानों छोटे-से सिद्धभगवान ऊपर से उतरे हों! वाह रे वाह! धन्य वह मुनिदशा!

जब वे छोटे-से मुनिराज दो-तीन दिन में आहार के लिये निकलें तब आनन्द में झूलते-झूलते धीरे-धीरे चले आ रहे हों, योग्य विधि का मेल मिलने पर आहार ग्रहण के लिये छोटे- छोटे दो हाथों की अंजलि जोडव़र खड़े हों, अहा! वह दृश्य कैसा होगा।

        पीछे तो वे आठ वर्ष के मुनिराज आत्मा के ध्यान में लीन होकर केवलज्ञान प्रगट करके सिद्ध हो जायें। –ऐसी आत्मा की शक्ति है। वर्तमान में भी विदेहक्षेत्र में श्री सीमन्धरादि भगवान के पास आठ-आठ वर्ष के राजकुमारों की दीक्षा के ऐसे प्रसंग बनते हैं ॥१८९॥

Series

Gurudev Vachanamrut

Category

Paintings

Medium

Oil on Canvas

Size

36" x 48"

Orientation

Landscape

Completion Year

31-Dec-2021

Bol

189