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Title

Bhavna Battishi - Shlok no.11

निरभिमान उज्जवल मानस हो, सदा सत्य का ध्यान रहे।

निर्मल जल की सरिता सदृश, हिय में निर्मल ज्ञान बहे॥११॥

हे स्वामी! अब मात्र यही चाह है कि मेरा मन अभिमान रहित पवित्र हो जाए, उसमें सदा सत्य का/वस्तु के वास्तविक स्वरुप का ही ध्यान चलता रहे। निर्मल जल से परिपूर्ण नदी के समान मेरे हृदय में भी सदा निर्मल ज्ञान की धारा प्रवाहित होती रहे। ११

Series

Bhavna Battishi

Category

Paintings

Medium

Acrylic on Canvas

Size

24" x 24"

Orientation

Square

Completion Year

31-Dec-2021

Shlok

11