यह प्रदर्शनी केवल चित्रों का संग्रह नहीं, बल्कि आत्मा को छूने वाला एक आध्यात्मिक अनुभव है। आचार्य कुन्दकुन्द विरचित इष्टोपदेश के गूढ़ जैन सिद्धांतों को यहाँ चित्रकला के माध्यम से सरल, सजीव और प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक चित्र आत्मतत्त्व, विवेक और वैराग्य की ओर एक कदम है, जो दर्शक को भीतर की यात्रा पर ले जाता है। हम आप सभी से विनम्र आग्रह करते हैं कि इस अनूठी चित्रकला प्रदर्शनी का अवश्य दर्शन करें, जिनवाणी के सार को अनुभव करें और आत्मचिंतन के इस पावन अवसर का लाभ लें।